पिछले एक पखवाड़े से बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों में कहर बरपा रहे मोचा ने म्यांमार तट से टकराते ही तबाही मचा दी है, अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्रवाती तूफान मोचा की वजह से लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते रखाइन प्रांत की राजधानी सितवे के कुछ हिस्सों में बाढ़ भी आ गई हैं. इतना ही नहीं 130 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं.
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बंगाल की खाड़ी में बने इस तूफान की हवा की गति 200 से अधिक है, इसलिए भारत, बांग्लादेश, म्यांमार के तटों पर लगातार खतरा बना हुआ है. म्यांमार के तट से टकराते ही मोचा ने खरतनाक रूप धारण कर लिया. मोचा एक दशक से भी अधिक समय में इस क्षेत्र में आने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफान था, इसकी वजह से कई गांव उखड़ गए और म्यांमार में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया.
तूफान की तीव्रता असामान्य थी, चक्रवात आने से पहले ही भारत ने एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया था. लेकिन मोचा के भारत नहीं आने से सरकार और लोगों ने राहत की सांस ली है. लेकिन म्यांमार में इस तूफान ने तबाही मचाई है. इस तूफान से म्यांमार में अब तक 81 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है. लेकिन मौजूदा आंकड़ा इससे ज्यादा होने का अंदेशा है.
झारखंड मौसम विभाग के निदेशक अभिषेक आनंद के मुताबिक अभी जो समुद्री तूफान आया था वो बांग्लादेश और म्यांमार से टकरा कर वापस चला गया मगर उस कारण पिछले 2-3 दिन पूरे झारखंड में तापमान कम हुआ था. अब उसका प्रभाव खत्म होने के कारण झारखंड में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी अगले 2-3 दिनों में देखने को मिलेगी. गर्मी बढ़ने से लोगों को दिक्कतें होंगी.
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