इजराइल और हमास के बीच युद्ध तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर गया है. एक तरफ डर है कि इजराइल किसी भी वक्त इस इलाके में जमीनी हमला शुरू कर देगा, वहीं दूसरी तरफ गाजा पट्टी में जीवन की जरूरतें कम हो रही हैं. विशेष रूप से अस्पतालों में, बिजली कटौती के जोखिम के कारण नवजात शिशुओं की मृत्यु हो सकती है. गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में 130 नवजात शिशुओं पर इन दिनों मौत का खतरा मंडरा रहा है.
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गाजा के 13 सार्वजनिक अस्पतालों में सबसे बड़े शिफा अस्पताल में 130 नवजात शिशुओं को इनक्यूबेटर में रखा गया है. इस इनक्यूबेटर के लिए बिजली की आवश्यकता होती है. फिलहाल अस्पताल को जनरेटर से बिजली मिल रही है. हालांकि, जनरेटर में ईंधन खत्म हो रहा है और अगर बिजली चली गई, तो इनक्यूबेटर रखे नवजात शिशुओं की मौत हो जाएगी.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हमें नहीं पता कि जनरेटर कितने समय तक चलेंगे और इसीलिए हम पूरी दुनिया से ईंधन मुहैया कराने की अपील कर रहे हैं. हमने अपने सार्वजनिक और निजी पेट्रोल पंपों से भी अपील की है कि जो भी पेट्रोल या डीजल बचा है उसे अस्पतालों में लोगों की जान बचाने के लिए दान कर दें.
शिफा हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि अगर हमें जरूरी मेडिकल सप्लाई नहीं मिली तो यहां भारी तबाही का मंजर देखने को मिल सकता है.
इजराइल ने फिलहाल गाजा पट्टी की चारों तरफ से नाकेबंदी कर रखी है. इसकी वजह से गाजा क्षेत्र में बुनियादी जरूरतों की कमी हो गई है. इस क्षेत्र में 23 लाख लोग रहते हैं और उनके पास पानी, भोजन, दवा और ईंधन खत्म हो रहा है. डॉक्टर भी अस्पतालों को चालू रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
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