मणिपुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद सुरक्षा बल हरकत में आ गए हैं. खबर है कि असम राइफल्स के सैकड़ों जवानों को एयरलिफ्ट कर मोरेह लाया गया है. सुरक्षा बल यहां चरमपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. खासतौर पर म्यांमार से आए घुसपैठियों को निशाना बनाया जा रहा है. आशंका है कि ये घुसपैठिये ही अधिकारी की हत्या में शामिल हो सकते हैं.
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उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को हवाई मार्ग से भेजा गया है. कुछ को सड़क मार्ग से मोरेह भेजा गया है. वे उन चरमपंथियों की पहचान करने की कोशिश करेंगे जो शहर में छिपे हुए हैं और भारत-म्यांमार सीमा पार कर आये हैं.
खास बात यह है कि मणिपुर के मोरेह में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. असम राइफल्स का यहां पहुंचना भी अहम माना जा रहा है. दरअसल इस फोर्स के पास भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. असम राइफल्स ने खुफिया अधिकारियों को कुकी-बहुल तेंगनोपाल जिले में काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
अब तक 160 से ज्यादा मौतें
आरक्षण को लेकर कुकी और मैतेई समुदायों के बीच 3 मई को भड़की हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. 6 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. राहत के लिए बनाए गए राहत शिविर में 50 हजार से ज्यादा लोगों को आश्रय मिल रहा है. इस हिंसा के दौरान 5 हजार से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई हैं. छह हजार से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं और 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल मणिपुर में 36,000 सुरक्षाकर्मी और 40 अधिकारी तैनात किये गये हैं.
मणिपुर की लगभग 53% आबादी मैतेई है और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहती है, जबकि 40% आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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