जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ दो झड़पों में तीन अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं. जबकि एक जवान अब भी लापता बताया जा रहा है. शहीद जवानों में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ठोंचक, कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शामिल हैं.
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बुधवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग कर दी थी, मुठभेड़ अभी भी जारी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक जवान लापता है, जिसके गंभीर रूप से घायल होने की आशंका है. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली है. अधिकारियों का मानना है कि ये वही आतंकी हैं जिनसे 4 अगस्त को कुलगाम के जंगल में मुठभेड़ के दौरान तीन जवान शहीद हो गए थे. पुलिस ने कहा है कि अनंतनाग में लश्कर के दो आतंकी छिपे हुए हैं, जिन्हें सेना ने घेर लिया है.
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनंतनाग मुठभेड़ में जान गंवाने वाले जम्मू-कश्मीर के पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी, मुठभेड़ में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले DSP हुमायूं मुजम्मिल भट्ट का बडगाम में अंतिम संस्कार किया गया.
अनंतनाग मुठभेड़ में वीर गति को प्राप्त कर्नल मनप्रीत सिंह के ससुर जगदेव सिंह ने बताया, “हमें इस बारे में कल शाम पता चला, उनके दो बच्चे हैं. अभी उनको सेना मेडल भी मिला था. बताया जा रहा है कि 4-5 बजे तक उनका शव मोहाली पहुंच जाएगा. अभी उनकी पत्नी कुछ बोलने की हालात में नहीं है.”
मेजर आशीष धोनक के चाचा दिलावर सिंह ने बताया, “वे अपने माता-पिता का अकेला बेटा था, उनकी 3 बहनें थी. आशीष की एक 2.5 साल की बेटी भी है. वे अक्टूबर में घर आने वाले थे.
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