सिक्किम में बादल फटने के बाद अचानक तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई, जिससे तबाही मच गई है. बाढ़ के कारण अब तक सेना के सात जवानों समेत 56 लोगों की मौत हो चुकी है. 142 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, बचाव कार्य जारी है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचाव कार्य में लगे हुए हैं. केंद्र सरकार ने आपदा राहत के तौर पर 45 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है.
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बाढ़ के कारण 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित
कल आई विनाशकारी बाढ़ में सेना के 22 जवानों समेत 142 लोग अभी भी लापता हैं और 26 लोगों के घायल होने की खबर है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल तलाशी अभियान जारी है और एनडीआरएफ की एक टीम तैनात की गई है. बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 10 भी बह गया है और तीस्ता नदी का जलस्तर 15 से 20 फीट तक बढ़ गया है. सिक्किम में बाढ़ से 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और पर्यटकों समेत 1 हजार से ज्यादा लोग इन बाढ़ प्रभावित इलाकों से विस्थापित हुए हैं.
कैसे बह गया राज्य का सबसे बड़ा बांध?
अगर आप सिक्किम के सबसे बड़े बांध तीस्ता 3 की तबाही के मंजरों पर नजर डालें तो पाएंगे कि बाढ़ निगरानी तंत्र की विफलता भी इस आपदा के लिए जिम्मेदार है. भीषण बाढ़ के एक वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे 60 फीट ऊंचा तीस्ता 3 बांध बह गया है. इस बांध की बिजली उत्पादन क्षमता 1200 मेगावाट थी और यह राज्य का सबसे बड़ा बांध था. इस बांध का निर्माण 2008 में शुरू हुआ और 2017 में पूरा हुआ था. इस पर 14000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
राज्य सरकार ने इसका ठीकरा पूर्व सीएम पवन चामलिंग की सरकार पर फोड़ा
सिक्किम में चुंगथांग बाँध टूटने के लिए पूर्व राज्य सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है. सीएम प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि चुंगथांग बांध की विफलता पिछली राज्य सरकार के घटिया निर्माण के कारण हुई. सिक्किम के सीएम ने इस त्रासदी के लिए पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग की सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार के बेतुके निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि पवन चामलिंग 24 साल से ज्यादा समय तक सिक्किम की सत्ता में रहे थे.
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