विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट एरिस की जांच शुरू की है. WHO ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की कैटेगरी में शामिल किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले अप्रैल से अब तक भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट की पहचान हुई है, जिसे EG.5 के नाम से जाना जाता है. शोधकर्ताओं ने इसे अधिक संक्रामक बताया है और सभी लोगों को संक्रमण से बचने के लिए सचेत किया है.
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नए वेरिएंट BA.2.86 के बारे में चेतावनी
इस बीच शोधकर्ताओं की एक टीम ने एरिस के बाद कोरोना के एक और नए वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड का एक नया स्ट्रेन बीए.2.86 की जानकारी सामने आई है. इज़राइल, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में इसके मामले सामने आए हैं.
शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि यह कोरोना के सबसे उत्परिवर्तित संस्करणों में से एक हो सकता है. सीडीसी विशेषज्ञों ने कहा कि वे वायरस के इस नए स्ट्रेन की प्रकृति पर नजर रख रहे हैं. यह बिल्कुल नया वेरिएंट है इसलिए अभी तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसके बारे में समझने के लिए शोध किया जा रहा है.
वैरिएंट पर की जा रही निगरानी
सीडीसी की प्रवक्ता कैथलीन कॉनली ने कहा कि हम अब कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए पहले से ज्यादा तैयार हैं. हमें कोरोना के एक और नए वैरिएंट के बारे में पता चला है, इस वैरिएंट में ज्यादा म्यूटेशन है यानी ये संक्रमण और खतरा तेजी से बढ़ा सकता है. इस खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ की श्रेणी में शामिल किया है. कहा जाता है कि BA.2.86 में एरिस वैरिएंट की तुलना में उत्परिवर्तन की संख्या अधिक है, जिसने हाल ही में कई देशों में संक्रमण दर को तेजी से बढ़ाया है.
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