वाशिंगटन डीसी: अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में द्विपक्षीय बैठक की, उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी किया. इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम साथ मिलकर असीमित क्षमता वाले साझा भविष्य के दरवाज़े खोल रहे हैं. स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेज़ी लाने के लिए अंतरिक्ष उड़ान पर सहयोग और क्वांटम कंप्यूटिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सहयोग की ज़रूरत है. एयर इंडिया द्वारा बोइंग विमान खरीदने के समझौते से अमेरिका में 10 लाख नौकरियों को मदद मिलेगी.
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वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और अमेरिका के संबंधों के इतिहास में एक विशेष संबंध रखता है. आज की हमारी चर्चा और हमारे द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय से हमारा कॉम्प्रिहेंसिव ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में एक नया अध्याय जुड़ा है. एक नई दिशा और नई उर्जा मिली है. भारत-अमेरिका की व्यापार की निवेश साझेदारी दोनों देशों के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है. आज अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. हमने निर्णय लिया है कि व्यापार से जुड़े लंबित मुद्दों को समाप्त कर नई शुरूआत की जाएगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, स्पेस, क्वांटम और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाकर हम एक मज़बूत और फ्यूचरिस्टिक साझेदारी कर रहे हैं.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्लाइमेट यह हमारे सांस्कृतिक परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. हम एक्सप्लोइटेशन ऑफ नेचर में हम विश्वास नहीं करते हैं. 2030 तक भारत की रेलवे का नेट जीरो का लक्ष्य रखा है. भारत की रेलवे कहने का अर्थ यह है कि हर दिन हमारे यहां रेल के डिब्बे में पूरा ऑस्ट्रेलिया होता है, इतना बड़ा हमारा देश है. ICET यानी इनिशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड एमजिर्गं टेक्नोलॉजी हमारे तकनीकी सहयोग के महत्वपूर्ण रूपरेखा के रूप में उभरा है. AI, सेमीकंडक्टर, स्पेस जैसे क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाकर हम एक महत्वपूर्ण और फ्यूचरिस्टिक साझेदारी की रचना कर रहे हैं.
इस मौके पर मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. हम सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है. कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष से ग्लोबल साउथ के देश विशेष रूप से पीड़ित हुए हैं. हमारा मत है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए सभी देशों का एकजुट होना अनिवार्य है. यूक्रेन के घटनाक्रम की शुरूआत से ही भारत ने वार्ता और कूटनीति के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर ज़ोर दिया है. मैं राष्ट्रपति बाइडेन का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अफ्रीका को G20 का पूर्ण सदस्य बनाने के मेरे प्रस्ताव पर समर्थन जताया है.
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