पटना: नीतीश सरकार ने कल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए थे. अब उसके एक दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जनगणना रिपोर्ट के निष्कर्ष पेश करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बिहार में आज सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना के घोषित आंकड़ों पर मंथन होगा. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार का यह कदम कई राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर सकता है.
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जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सब कुछ करने के बाद नतीजा सामने आया है. उसके बाद हमने हर परिवार की आर्थिक स्थिति की जानकारी ली है. कल सर्वदलीय बैठक में हम सारी बातें सबके सामने रखेंगे, बैठक में सबकी राय लेकर सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी.
कल जारी गए गए थे जाति आधारित जनगणना के आंकड़े
बिहार में कल नीतीश कुमार सरकार ने जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी किये थे. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की आबादी में 36 फीसदी अति पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से कुछ अधिक अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति शामिल हैं.
राज्य की आबादी 13 करोड़ से अधिक
आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि बिहार सरकार ने जाति जनगणना पूरी कर ली है. मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों ने उनकी रिपोर्ट जारी की. बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार पूरे बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 पाई गई है. अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के मुताबिक बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है. बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है. बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है.
बिहार में ऊंची जातियों की संख्या 15.52 फीसदी है
आज बिहार सरकार की ओर से विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उनके पास राज्य में मुख्य सचिव का प्रभार है. उन्होंने कहा कि बिहार में ऊंची जातियां 15.52 प्रतिशत, भूमिहार आबादी 2.86 प्रतिशत, ब्राह्मण आबादी 3.66 प्रतिशत, कुर्मी आबादी 2.87 प्रतिशत, मुसहर आबादी 3 प्रतिशत, यादव आबादी 14 प्रतिशत और राजपूत आबादी 3.45 प्रतिशत है.
सियासी बयानबाजी तेज
जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी शुरू से मांग रही है कि जाति आधारित जनगणना हो, आज जाति आधारित सर्वेक्षण का वैज्ञानिक डेटा जारी किया गया है, सरकार बनने के बाद कम समय में हमने जानकारी इकट्ठा की और आज ऐतिहासिक दिन पर ऐतिहासिक काम हमने किया है, हम वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर कल्याणकारी योजनाएं लाने का प्रयास करेंगे.
बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को बार-बार कह रहा था कि रिपोर्ट जल्द जारी करें. यह आधी-अधूरी रिपोर्ट है, अभी भाजपा पूरी रिपोर्ट देखेगी, जांच करेगी और फिर अपना विस्तृत बयान देगी. यह आधा-अधूरा है, जो आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग हैं उसका तो रिपोर्ट ही नहीं है. अभी सिर्फ जातियों की गणना नीतीश कुमार ने बताई है लेकिन किस तकनीक से यह किया गया उसकी रिपोर्ट हम लेंगे, लालू जी की आदत जातिय उन्माद फैलाने की रही है. भाजपा शुरू से जातिय सर्वेक्षण की समर्थक रही है.
इस रिपोर्ट को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि रिपोर्ट में कुछ नयापन नहीं है. जो अनुमान था वही है. आप जो बता रहे हैं वह लगभग सबको पता है, इसमें जब तक पिछड़े लोगों के क्षेत्र के हिसाब से कुछ विस्तृत आता है तब पता चलेगा कि गणना की सच्चाई क्या है. बिहार का कितना कल्याण और उत्थान हुआ? चुनाव के समय अब यह कौन सा चमत्कार करेंगे यह हर समाज के लोग समझते हैं. इनके पास ना वीजन, ना नीति और ना ही नियत है.
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