दिल्ली: भारत का चंद्रयान-3 मिशन बुधवार को चंद्रमा के और करीब पहुंच गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की परिक्रमा करने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. अब चंद्रयान-3 चंद्रमा के और भी करीब कक्षा में पहुंच गया है. चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को लॉन्च के बाद पृथ्वी की कक्षा छोड़ दी और 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में पहुंच गया था.
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इसरो ने एक ट्वीट में कहा, ”चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की सतह के करीब है. चंद्रयान-3 की परिक्रमा कक्षा घटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इसकी दूरी घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है.” इसरो ने कहा कि अब यान की चंद्र कक्षा बदलने से संबंधित ऑपरेशन 14 अगस्त को सुबह 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच होंगे. जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है, चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में और नीचे उतारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि इसे चंद्र ध्रुवों तक लाया जा सके.
सेंसर और इंजन बंद होने पर भी लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग में सक्षम
चंद्रयान-3 भारत के सबसे महत्वाकांक्षी मिशनों में से एक है. अब इस मिशन के उम्मीद के मुताबिक नतीजे आ रहे हैं. इस बारे में इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि भले ही भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के सभी सेंसर और दो इंजन काम करना बंद कर दें, लेकिन लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा.
इस दौरान एस सोमनाथ ने आगे कहा कि लैंडर विक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह विफलता का सामना करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि अगर प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम कर रही है, बाकी सब कुछ काम करना बंद कर देता है, सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, भले ही कुछ भी काम न करें, फिर भी विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करेगा क्योंकि इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है.
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