चंद्रयान-3 चंद्रमा की ओर सुरक्षित रूप से आगे बढ़ रहा है और चंद्रमा के बेहद करीब पहुंच गया है. आज यानी 14 अगस्त दोपहर 12 बजे के करीब चंद्रयान-3 अपनी चौथी कक्षा में पहुंच गया है. आज सुबह करीब बारह बजे इसरो ने चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स चालू कर दिए थे, करीब 18 मिनट तक इंजन चालू रखे गये थे. आपको बता दें कि 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की पहली कक्षा में पहुंचा था. तब से अब तक दो बार इसकी कक्षा बदली जा चुकी है. उस दिन चंद्रयान ने चंद्रमा की पहली तस्वीर भी ली थी.
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आज की गई इस सफल कक्षा परिवर्तन प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 अब 150 किमी x 177 किमी की कक्षा में घूम रहा है. अब 16 अगस्त को चंद्रयान-3 की कक्षा बदली जाएगी. फिर 17 अगस्त को प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग हो जाएंगे. लैंडर 18 और 20 तारीख को कक्षा से बाहर निकलेगा. 14 अगस्त की सुबह करीब बारह बजे इसरो ने चंद्रयान-3 के थ्रस्टर चालू किए थे.
इस बीच, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए निर्धारित है. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-3 का प्रक्षेप पथ चंद्रयान-2 के समान होगा.
इससे पहले 9 अगस्त की दोपहर को, इसरो ने चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान की कक्षा को बदलने और इसे चंद्र सतह के करीब लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया था. इसरो ने कहा, दूसरे चरण के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा 1437 किमी से घटाकर 174 किमी हो गई. इंजनों की रेट्रोफायरिंग ने अंतरिक्ष यान को चंद्र सतह के 170 x 4313 किमी के भीतर ला दिया था.
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