प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ को 7500 करोड़ रुपए की सौगात देने के बाद रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर, 4 लेन रायपुर-कोड़ेबोड़े खंड सहित विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस अलावा उन्होंने अंतागढ़ से रायपुर चलने वाली नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के इन प्रोजेक्ट्स से यहां रोजगार के अनेकों नए अवसर भी बनेंगे. यहां के धान किसानों, खनिज संपदा से जुड़े उद्यमियों और टूरिज्म को भी इन प्रोजेक्ट्स से बहुत लाभ मिलेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि इनसे आदिवासी क्षेत्रों में सुविधा और विकास की नई यात्रा शुरू होगी.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ को 7500 करोड़ रुपए से अधिक परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है. ये उपहार इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और यहां के लोगों का जीवन आसान बनाने तथा यहां की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है. पिछले 9 वर्षों में छत्तीसगढ़ के हज़ारों आदिवासी गांवों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कें पहुंची हैं. भारत सरकार ने यहां करीब साढ़े 3 हजार किमी लंबी नेशनल हाईवे की परियोजनाएं स्वीकृत की है. इसमें सबसे लगभग 3 हजार किमी की परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी है.
समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और बहुत बड़ा लाभ है, जिस पर उतनी चर्चा नहीं होती. आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का संबंध सामाजिक न्याय से भी है. जो सदियों तक अन्याय और असुविधा झेलते रहे उन तक भारत सरकार आज ये आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है. 9 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ के 20% से अधिक गांवों में किसी तरह की मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी, आज ये घटकर लगभग 6% रह गई है. इनमें से अधिकतर जनजातीय और नक्सल हिंसा से प्रभावित गांव हैं. आज छत्तीसगढ़ 2-2 इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ रहा है. रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर और रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर इस क्षेत्र का भाग्य बदलने वाले हैं. रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर से रायपुर और विशाखापट्टनम की दूरी आधी हो जाएगी.
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