भोपाल: चुनावी साल में मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी पर पेशाब करने के मामले में शिवराज सरकार घिर गई है. कांग्रेस समेत विपक्ष ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा है. जिसके बाद शिवराज सरकार एक्शन मोड में आ गई है और आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई कर डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने गुरुवार को पीड़ित दशमत रावत से भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की. सीएम शिवराज ने दशमत के पैर धोए और शॉल ओढ़ाकर उसका सम्मान किया. इतना ही नहीं शिवराज ने कहा कि मेरा मन दुखी है, मेरे लिए जनता ही भगवान है.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शराब कांड के पीड़ित से बातचीत करते हुए पूछा कि बच्चे पढ़ रहे हैं क्या? छात्रवृत्ति मिल रही है? अगर कोई समस्या हो तो मुझे बताएं. क्या पत्नी को लाडली बहनों का लाभ मिल रहा है? क्या आपको आवास योजना का लाभ मिला? सीएम ने कहा कि बेटी को पढ़ाना है, बेटियां आगे बढ़ रही हैं. दशमत ने सीएम को बताया कि वह मजदूर है. मुख्यमंत्री ने पीड़ित से कहा, ‘मैं बहुत दुखी हूं. मुझे क्षमा करें मेरे लिए जनता भगवान के समान है. मुख्यमंत्री ने दशमत को सुदामा कहते हुए कहा कि अब आप मेरे मित्र हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला का दशमत रावत पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद राज्य की सियासत गरमा गई है. मामले की जांच के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने जांच कमेटियां गठित की हैं. प्रवेश शुक्ला को मंगलवार रात करीब दो बजे गिरफ्तार किया गया. इस घटना का वीडियो सामने आते ही मुख्यमंत्री के आदेश पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है और आरोपी के घर पर मामा का बुलडोजर चल गया है. लेकिन चुनावी साल में इस तरीके की घटना को कांग्रेस ने चुनावी मुद्दा बना लिया है. वहीं शिवराज पीड़ित से मुलाकात कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर डैमेट कंट्रोल में लग गए हैं.
BJP नेता इंसाफ को इंसाफ नहीं समझ रहे- कमलनाथ
सीधी में पेशाब कांड को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज मेरा मन बहुत दुखी है, एक आदिवासी युवक के ऊपर बीजेपी नेता का पेशाब करने का वीडियो देखकर मेरी रूह कांप जाती है. क्या सत्ता का नाशा इस कदर बीजेपी के नेताओं पर चढ़ गया है कि वे इंसान को इंसान नहीं समझ रहे हैं. मैं शिवराज सरकार को चेतावनी देता हूं कि आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों को सरकारी संरक्षण देना बंद करे. हम आदिवासी समाज के साथ हैं और उन्हें न्याय दिला के रहेंगे.
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