दिल्ली: कोरोना वायरस के आतंक से दुनिया वाकिफ है. तब से अलग-अलग जगहों पर कई अन्य प्रकार के वायरस पाए गए हैं. इसी तरीके से केरल के कोझिकोड जिले में भी निपाह वायरस से दो लोगों की मौत और पांच संदिग्धों की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है. इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी राजीव बहल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसकी वजह से लोगों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है. इतना ही नहीं राज्य सरकार भी इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए सख्ती से कदम उठा रही है.
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निपाह वायरस से मृत्यु दर 40-70 प्रतिशत के बीच है
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, निपाह वायरस से मृत्यु दर 40-70 फीसदी के बीच है. इसके अलावा, निपाह वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 खुराक खरीदने का फैसला किया है. आईसीएमआर प्रमुख ने कहा, ‘साल 2018 में हम ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराक ले चुके हैं. फिलहाल यह खुराक केवल 10 मरीजों के लिए उपलब्ध है, इसलिए 20 और खुराक खरीदने का फैसला लिया गया है. लेकिन यह दवा संक्रमण के शुरुआती चरण में ही संक्रमित को देनी होती है.
निपाह वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक
इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस वायरस से संक्रमित 100 लोगों में से 40-70 लोगों की मौत का खतरा रहता है. राजीव बहल ने कहा कि कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर केवल 2-3 फीसदी है. निपाह से संक्रमित लोगों की मृत्यु दर तुलनात्मक रूप से काफी अधिक है, जो कि 40 से 70 फीसदी के बीच है. फिलहाल इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के उपाय किये जा रहे हैं.
निपाह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि की कि यह वायरस बांग्लादेशी स्ट्रेन है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. केरल में निपाह वायरस से दो लोगों की जान चली गई है. उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रकार कम संक्रामक है लेकिन इसकी मृत्यु दर अधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस वायरस का कोई इलाज या टीका नहीं है, इसलिए बचाव ही फिलहाल एकमात्र उपाय है.
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