दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया पर लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है. इस मामले में उनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहा है. वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं. वह पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है.
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब नीति के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार से संबंधित आरोप के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. जिसके बाद अब सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई के एक मामले में यह फैसला सुनाया है. आप नेता मनीष सिसोदिया ने निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब दिल्ली हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था, जिसके बाद कोर्ट ने 11 मई को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सोची समझी साजिश
सीबीआई की ओर से कोर्ट में पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि यह सोची समझी साजिश के तहत किया गया है. लाभ मार्जिन को पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का कोई उल्लेख नहीं है. ब्याज दर में वृद्धि का कारण फाइल में शामिल किया जाना चाहिए था. जांच एजेंसी ने कहा कि वे थोक विक्रेताओं को इतना मुनाफा क्यों दे रहे हैं? ताकि बदले में उन्हें रिश्वत मिल सके.
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