नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के भारत मंडपम में देश के महत्वाकांक्षी ब्लॉकों के लिए एक सप्ताह तक चलने वाले विशेष कार्यक्रम “संकल्प सप्ताह” का उद्घाटन किया. इसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रशासन में सुधार करना है. इसे देश के 329 जिलों के 500 आकांक्षी ब्लॉकों में लागू किया जा रहा है. पीएम मोदी “संकल्प सप्ताह” कार्यक्रम का उद्घटान करने के बाद अपने संबोधन में शिक्षा, प्रशासनिक सुधार, विकास जैसे अहम मुद्दों पर जोर दिया.
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आप लोग गांव के लोगों की करते हैं चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘संकल्प सप्ताह’ कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम में ब्लॉक पंचायतों की बहुत बड़ी भूमिका होती है. जब हर ग्राम पंचायत काम तेजी से करेगी तो ही हर ब्लॉक का विकास तेजी से होगा. जो लोग इस मिशन से जुड़े हैं, मैं सभी लोगों को बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं. जो लोग यहां (भारत मंडपम) आए हैं, वो देश के दूर-सुदूर गांवों की चिंता करने वाले लोग हैं. आखिरी छोर पर बैठे हुए परिवार की चिंता करने वाले लोग हैं. उनकी भलाई के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं और इसी महीने यहां वो लोग भी बैठे थे, जो दुनिया को दिशा देने का काम करते थे.
मेरे लिए यह सम्मेलन जी 20 के जितना अहम है
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि भारत मंडपम, जहां विश्व नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे, अब उन व्यक्तियों की मेजबानी कर रहा है जो जमीनी स्तर पर बदलाव लाते हैं. मेरे लिए यह शिखर सम्मेलन G20 शिखर सम्मेलन जितना ही महत्वपूर्ण है. आकांक्षी जिला प्रोग्राम के लिए हमने बहुत ही सरल रणनीति से काम किया है, क्योंकि सर्वांगीण विकास, सर्व-स्पर्शी विकास, सर्व-हितकारी विकास ये अगर हम नहीं करते हैं तो आंकड़े भले संतोष भी दें, लेकिन मूलत: परिवर्तन संभव नहीं होता है. इसलिए आवश्यक है कि ग्रासरूट पर परिवर्तन करते हुए हमें आगे बढ़ना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि सरकार ही सब कर लेगी इस सोच से हमें बाहर आना है, समाज की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है. जिन-जिन ब्लॉक्स या जिलों में समाज को जोड़ने की ताकत है, मेरा अनुभव है, वहां परिणाम जल्दी मिलते हैं. यही कारण है कि आज स्वच्छता के अभियान ने अपनी जगह बना ली है और एक वातावरण बन गया है कि गंदगी नहीं करनी है.
गांव समृद्ध हों: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने शहरों और गांवों के विकास को लेकर कहा कि हम 2047 में देश को विकसित भारत के रूप में देखना चाहते हैं. लेकिन विकसित देश होने का मतलब यह नहीं है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई का महिमामंडन हो जाए और हमारे गांव पीछे छूट जाएं. हम ऐसे मॉडल का पालन नहीं करते. हम 140 करोड़ लोगों की नियति की जिम्मेदारी लेना चाहते हैं और उनके जीवन में बदलाव लाना चाहते हैं. इसीलिए हमारा लक्ष्य है कि गांवों को कैसे समृद्ध बनाया जाए.
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