दिल्ली: पूर्वी उत्तर भारत में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से आज यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर 205.39 मीटर हो गया है. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, आज रात 10 बजे जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से लगातार बढ़कर 205.39 मीटर हो गया है. जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ा
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. कल शाम छह बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.94 मीटर था. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक, दिल्ली में कल दोपहर 3 बजे यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया और जलस्तर 204.57 मीटर तक पहुंच गया. यमुना नदी का ‘अलर्ट’ लेवल 204.5 मीटर है.
जुलाई में बाढ़ ने मचाई थी तबाही
इससे पहले जुलाई में दिल्ली और पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. 13 जुलाई को यमुना नदी का जलस्तर रिकार्ड 208.66 मीटर बढ़ गया था. बाढ़ प्रभावित इलाकों से 27 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था. इसके अलावा बाढ़ के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान भी हुआ था. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने हरियाणा सरकार पर साजिश के तहत दिल्ली को डुबोने का आरोप लगाया था.
सौरभ भारद्वाज ने लगाया गंभीर आरोप
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से 3 कैनाल निकलते हैं, लेकिन षड्यंत्र के तहत 9-13 जुलाई तक वेस्टर्न कैनाल में पानी नहीं छोड़ा गया. BJP वाले कुतर्क दे रहे हैं लेकिन पिछले साल अगस्त में इस बार से कहीं ज्यादा 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन दिल्ली में बाढ़ की स्थिति नहीं बनी थी. BJP के कम पढ़े लिखे लोग कह रहे हैं रेग्यूलेटर का काम थोड़ी होता है पानी बांटना, अरे तो फिर रेग्यूलेटर होता क्यों है? यही तो काम है उसका, पानी रेग्यूलेट करना. हथिनी कुंड के लौक बुक में साफ़ है, कि जब दिल्ली की तरफ़ पानी छोड़ा गया, इस्ट-वेस्ट कैनाल खाली रखे गए.
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