इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच पड़ोसी देश मिस्र ने गाजा के लोगों को अपने देश में शरण देने से इनकार कर दिया है.
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मिस्र की सीमा गाजा से जुड़ी हुई है और गाजा से हजारों लोग इजरायल और हमास के बीच युद्ध से बचने के लिए मिस्र में शरण लेना चाहते हैं, लेकिन मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सिसी ने कहा है कि सीमा खोलने और गाजा के लोगों को शरण देने से इस विवाद का हल नहीं होगा. दुनिया के अन्य देशों को हमें सीमा खोलने की सलाह देने के बजाय इस मामले को सुलझाने पर विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर गाजा से बड़ी संख्या में लोग मिस्र आएंगे तो इससे नई समस्याएं पैदा होंगी. खासकर यहां रहने वाले लोग इजराइल पर हमला करने के लिए मिस्र की जमीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. हम सैन्य बल द्वारा फिलिस्तीनी समस्या को हल करने की कोशिश में विश्वास नहीं करते हैं, हम सैन्य कार्रवाई पर भरोसा नहीं करते हैं और हम फिलिस्तीनी लोगों के विस्थापन के अधिकार में भी नहीं हैं. मिस्र नहीं चाहता कि इस क्षेत्र से लोगों का बड़े पैमाने पर पलायन करना पड़े, अगर ऐसा हुआ तो वेस्ट बैंक-जॉर्डन जैसी समस्या खड़ी हो जाएगी. अगर फिलिस्तीन के लोग विस्थापित हो गए तो उनके लिए अलग देश की संभावना ख़त्म हो जाएगी.
हालांकि, मिस्र ने गाजा के लोगों को आवश्यक सामान पहुंचाने के लिए अपनी सीमाएँ खोलने की तैयारी दिखाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मिस्र ने मानवीय सहायता के लिए मिस्र और गाजा के बीच राफा सीमा से 20 ट्रकों को गुजरने की अनुमति दी है.
गौरतलब है कि अगर गाजा के लोग बाहर निकलना चाहते हैं तो राफा सीमा ही एकमात्र रास्ता है और इस वजह से इस क्षेत्र का महत्व अब बढ़ गया है. यहां गाजा के हजारों लोग जमा हुए हैं, उनको उम्मीद है कि सीमा खुलेगी और उनको मिस्र में शरण मिल जाएगी.
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