दिल्ली: 9 से 10 सितंबर को भारत की राजधानी नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. इस शिखर सम्मेलन में 19 देशों और एक यूरोपीय संघ को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा 9 और देशों को समिट में मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया गया है. भारत का सबसे बड़ा इनडोर हॉल यानी भारत मंडपम दुनिया की महाशक्तियों को एक मंच पर लाने के लिए पूरी तरह तैयार है. इससे पहले कार्यक्रम के मद्देनजर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें भारत के जी20 शिखर सम्मेलन के शेरपा अमिताभ कांत, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और जी20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला ने भाग लिया.
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‘वसुधैव कुटुंबकम’ की थीम पर भारत कर रहा अध्यक्षता-अमिताभ कांत
दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जी 20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने महसूस किया कि हमें अपनी अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुंबकम’- दुनिया एक परिवार है की थीम के साथ शुरू करनी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता समावेशी, निर्णायक और महत्वाकांक्षी होनी चाहिए. हम अपनी अध्यक्षता के दौरान समावेशी, महत्वाकांक्षी और बहुत निर्णायक होने के उनके दृष्टिकोण पर खरे उतरे हैं.
जी 20 के कार्यक्रम भारत ने 60 शहरों में आयोजित किया
भारत के जी 20 अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि हमारे लिए दूसरी प्रमुख प्राथमिकता सतत विकास लक्ष्यों को गति देना था क्योंकि 169 एसडीजी में से केवल 12 ही पटरी पर हैं और हम तय समय से काफी पीछे हैं. हम 2030 एक्शन पॉइंट के मध्य में हैं. लेकिन हम बहुत पीछे हैं, इसलिए एसडीजी में तेजी लाना, सीखने के परिणामों में सुधार, स्वस्थ परिणाम, पोषण – ये सभी भारत की अध्यक्षता के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में 29 विशेष आमंत्रित देशों और 11 अंतराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया है. हमने इस अवसर का उपयोग करते हुए बैठकों को भारत के 60 शहरों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की… जब G 20 दूसरे देशों में आयोजित हुआ तो वह देश के अधिकतम 2 शहरों में आयोजित होता था लेकिन भारत ने इसे 60 शहरों में आयोजित किया.
भारत के लिए जी20 की अध्यक्षता करना महत्वपूर्ण
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जो ग्लोबल साउथ में बहुत विश्वास रखते हैं, उन्होंने सभी नेताओं को लिखा था और बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और औपचारिक रूप से यह शिखर सम्मेलन से पहले आएगा. भारत में G20 की अध्यक्षता की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया मानती है कि भारत ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वास्तव में क्रांति लाई है.
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी 20 की अध्यक्षता का फोकस और दृष्टिकोण वैश्विक चर्चा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है जो लोगों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं.
भारत के लोगों को होगा आर्थिक फायदा
G20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे G20 अध्यक्ष पद के लिए 125 से अधिक राष्ट्रीयताओं से कुल 100,000 आगंतुक आए होंगे और उनमें से कई लोगों के लिए यह एक नए भारत की खोज रही है. G20 अध्यक्षता से हमारे देश और हमारे नागरिकों को आर्थिक लाभ होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने टेक्नोलॉजी पर विशेष जोर दिया जाएगा, विशेष रूप से वह टेक्नोलॉजी जो डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से जुड़ी हो. इस संदर्भ में, हमने मीडिया सेंटर में कुछ प्रदर्शनियां आयोजित की हैं. हमारे पास भारतीय रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब है जो फिर से मीडिया सेंटर में है. यह इनोवेशन हब उन फिनटेक प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करेगा जिन्हें अभी तक सार्वजनिक डोमेन में पेश नहीं किया गया है. ये अभी भी पायलट चरण में हैं. उनमें से एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा है, जिसके माध्यम से यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के लोग, जिनके पास भारत में बैंक खाता नहीं है, वे अपने मोबाइल वॉलेट में कुछ पैसे प्राप्त कर सकेंगे और उत्पादों को खरीदने के लिए डिजिटल रूप से इसका उपयोग कर सकेंगे.
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