वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सर्वे चल रहा है. गुरुवार को एएसआई की टीम सुबह 9 बजे ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई. सर्वे शाम 5 बजे तक चलेगा. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक दोनों पक्षों और उनके वकीलों की मौजूदगी में सर्वे शांतिपूर्वक चल रहा है. कोर्ट द्वारा तय वजू स्थान को छोड़कर पूरे परिसर के सर्वे के लिए अब गिनती के दिन बचे हैं. एएसआई टीम को 6 अक्टूबर तक अपनी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी है.
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चल रहे सर्वे में वाराणसी, पटना, कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद की टीमें शामिल हैं. जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी पक्षों और अधिकारियों को मामले में बयानबाजी और टिप्पणी न करने का आदेश दिया है. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान हिंदू धर्म और पूजा पद्धति से जुड़ी कोई भी सामग्री भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को जिला मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा नामित अधिकारी को सौंपने को कहा है.
इससे पहले 4 अगस्त को ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक सर्वे को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सर्वे की अनुमति देने के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एएसआई ने स्पष्ट किया है कि पूरा सर्वे बिना किसी खुदाई और संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बिना पूरा किया जाएगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वैज्ञानिक सर्वे की पूरी प्रक्रिया बिना किसी विध्वंस विधि के पूरी करनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश को दोहराया कि सर्वे के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी. इससे पहले, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने एएसआई के हलफनामे पर ध्यान दिया था कि वे कोई खुदाई नहीं करेंगे और सर्वे के दौरान दीवार आदि का कोई हिस्सा नहीं छुआ जाएगा.
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