हरियाणा के नूंह में हिंसा के बाद अब स्थिति सामान्य हो रही है, इस बीच जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की थी. हरियाणा सरकार ने दंगों में शामिल लोगों के घरों, दुकानों और होटलों को ध्वस्त करने के लिए लगातार पांचवें दिन भी बुलडोजर चला रही है. लेकिन अब इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगाते हुए खट्टर सरकार को बड़ा झटका दिया है.
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हरियाणा सरकार को फटकार
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. क्या किसी भी ढांचे को गिराने से पहले सरकार द्वारा नोटिस जारी करने की प्रक्रिया अपनाई गई थी?
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया
हरियाणा सरकार द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर कार्रवाई से दंगाइयों की संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है. इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया और यह फैसला सुनाते हुए बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
नूंह में पिछले चार दिनों से कार्रवाई जारी
सांप्रदायिक हिंसा के बाद नूंह में पिछले चार दिनों से बुलडोजर कार्रवाई जारी है. इस बीच 753 से ज्यादा घर, दुकानें, शोरूम, झुग्गियां और होटल ध्वस्त कर दिए गए हैं. प्रशासन ने इन्हें अवैध बताते हुए कहा कि इनमें रहने वाले लोग 31 जुलाई की हिंसा में शामिल थे. नूंह में अब तक प्रशासन ने 37 जगहों पर कार्रवाई कर 57.5 एकड़ जमीन खाली कराई है. जिनमें से 162 स्थाई और 591 अस्थाई निर्माण ध्वस्त किये गये हैं. नूंह शहर के अलावा पुना, नगीना, फिरोजपुर झिरका और पिंगनवा जैसे इलाकों में भी अतिक्रमण हटाया गया. कल प्रशासन ने उस 3 मंजिला सहारा होटल को भी ध्वस्त कर दिया जहां से हिंसा वाले दिन पथराव किया गया था. प्रशासन का कहना है कि होटल मालिक को इसकी जानकारी पहले से थी, लेकिन उसने दंगाइयों को नहीं रोका.
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