असम में भारी बारिश की वजह आई बाढ़ के चलते हालात बिगड़ गए हैं. राज्य के 10 जिलों में अब भी एक लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. यहां बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. लोगों के पास रहने के लिए घर और खाने के लिए भोजन भी नहीं है. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने ‘रेड’ अलर्ट जारी कर अगले पांच दिनों में असम के कई जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब असम में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण इस साल बाढ़ की पहली लहर देखी जा रही है.
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सबसे ज्यादा दिक्कत गोलाघाट में है
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को सोनितपुर, चिरांग, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, लखीमपुर, माजुली, शिवसागर और उदलगुरी जिलों में 98,800 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे. गोलाघाट में सबसे ज्यादा 29,000 लोग गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. इसके बाद धेमाजी में 28,000 और शिवसागर में करीब 13,500 लोग बाढ़ से पीड़ित हुए हैं.
दो जिलों में 17 राहत शिविर
वहीं, एएसडीएमए के मुताबिक, शनिवार को राज्य के 12 जिलों में करीब 1.08 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए. प्रशासन दो जिलों में 17 राहत शिविर चला रहा है, जहां 2,941 लोगों ने शरण ले रखी है. इसके अलावा छह जिलों में 49 राहत वितरण केंद्र भी शुरू किये गये हैं.
371 गांव डूबे
एएसडीएमए बुलेटिन के अनुसार, वर्तमान में लगभग 371 गांव पानी में डूबे हुए हैं. पूरे असम में 3,618.35 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है. इसके अलावा बक्सा, बोंगाईगांव, चिरांग, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, उदलगुरी और तिनसुकिया में बड़े पैमाने पर कटाव देखा गया है. वहीं, कई गांवों की स्थिति भयावह हो गयी है. सोनितपुर, धेमाजी, धुबरी, कोकराझार, मोरीगांव, बोंगाईगांव, चिरांग, गोलाघाट, लखीमपुर और माजुली जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
असम की नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर
एएसडीएमए की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी, तेजपुर और नेमाटीघाट में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है, जबकि इसकी सहायक नदी दिखो शिवसागर का जल स्तर भी बढ़ रहा है. बराक घाटी में दिमा हसाओ, कचर और करीमगंज जिलों में लोंगाई, सिंगला और कुशियारा नदियों में भी जल स्तर बढ़ने का अनुमान है. मार्गेरिटा में बुरीदेहिंग नदी खतरे के निशान से 134 मीटर ऊपर बह रही है. नागांव जिले में कोपिली नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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