नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कल 7 जून को शाम करीब 7.30 बजे ओडिशा तट पर लॉन्च किया गया था. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से इसका सफल परीक्षण किया गया. 34.5 फीट लंबी इस मिसाइल को अग्नि-पी के नाम से भी जाना जाता है. यह अग्नि सीरीज की नई पीढ़ी की मिसाइल है. इसकी रेंज एक से दो हजार किलोमीटर है.
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इस परीक्षण के दौरान, उसके सभी उद्देश्यों का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया. अग्नि प्राइम मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद उपयोगकर्ताओं द्वारा किया गया यह पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता पर यह मिसाइल खरी उतरी है. परीक्षण से पहले ही इस क्षेत्र में नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया गया था.
मिसाइल के पूरे मार्ग को कवर करने वाले उड़ान डेटा प्राप्त करने के लिए टर्मिनल बिंदु पर दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन तैनात किए गए थे. डीआरडीओ और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफल उड़ान परीक्षण देखा, जिसके बाद इस प्रणाली को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
सफल उड़ान परीक्षण के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सशस्त्र बलों को नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ के सफलता और कॉपी-बुक प्रदर्शन के लिए बधाई दी.
MIRV का मतलब है कि एक मिसाइल से कई लक्ष्यों पर हमला किया जा सकता है. यह मिसाइल उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक, थर्मोबैरिक या परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है. मिसाइल में 1500 से 3000 किलोग्राम वजनी वारहेड लगाया जा सकता है. यह दो चरणों वाली रॉकेट मोटर चालित मिसाइल है. इसे बीईएमएल-टेट्रा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से लॉन्च किया जाता है.
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