जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू हो चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव होंगे. उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से राज्य में आतंकवादी घटनाओं में 45 फीसदी की कमी आई है. इतना ही नहीं घुसपैठ की कोशिशों में भी कमी दर्ज की गई है. सुरक्षा बलों को होने वाला नुकसान 60 फीसदी कम हो गया है.
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अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा: केंद्र
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा. इसमें कुछ समय लग सकता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय विधानसभा चुनाव के लिए तैयार
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आगे कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार हैं. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन चुनाव होने हैं. पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था लागू की गई है. सबसे पहले चुनाव पंचायतों के होंगे. लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के लिए सितंबर में चुनाव होंगे.
सुनवाई के दौरान पीठ ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल सकते हैं, और क्या किसी केंद्र शासित प्रदेश को किसी राज्य से अलग किया जा सकता है? चुनाव कब हो सकते हैं? इन सभी को ख़त्म किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा, हमें बताएं कि आप जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र कब बहाल करेंगे. इसमें आपको कितना समय लगेगा? हम इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहते हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र के कदम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 20 अलग-अलग याचिका दाखिल की गई है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनाम दाखिल कर दावा किया था जम्मू-कश्मीर के पूरे क्षेत्र में “अभूतपूर्व” शांति, प्रगति और समृद्धि देखी गई है. केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादी नेटवर्क द्वारा की जाने वाली हिंसा अब अतीत की बात हो गई है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण प्रदान करने वाले केंद्रीय कानून भी लागू हैं.
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