सांसदों के एक समूह ने बाइडेन प्रशासन से अमेरिका में भारतीय ग्रीन कार्ड आवेदकों के बैकलॉग को दूर करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया है. आपको बता दें कि जिन भारतीय लोगों ने साल 2020 में ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया है, उनका वेटिंग पीरियड 195 साल बताया जा रहा है. इसे लेकर अमेरिकी सांसदों ने चिंता जताई है. इतना लंबा इतंजार करने की वजह से लाइन में लगे कुछ लोगों की उम्र ढल जाएगी और कुछ स्वर्गवासी हो जाएंगे.
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अमेरिकी सांसदों ने बाइडेन प्रशासन को लिखा पत्र
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति और लैरी बुशॉन के नेतृत्व में 56 सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन और होमलैंड सिक्योरिटी सचिव एलेजांद्रो मायर्सकोस को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (FIDDS USA) ने सरकार से उच्च कुशल ग्रीन कार्ड आवेदकों को राहत देने और नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों की तारीखों को ‘वर्तमान’ के रूप में प्रकाशित करने की अपील की है. बता दें कि अमेरिका में बड़ी संख्या में ग्रीन कार्ड धारक कार्यरत हैं. इतने लंबे बैकलॉग के कारण अमेरिकी सरकार को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
अमेरिकी टेक कंपनियों में बड़ी संख्या में भारतीय कार्यरत
बैकलॉग के कारण अमेरिका को उच्च प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका में ग्रीन कार्ड पर काम करने वाले STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन) कर्मचारी अमेरिका को प्रौद्योगिकी की दुनिया में सबसे आगे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अमेरिकी दिग्गज कंपनियां हर साल भारत और चीन से हजारों युवाओं को एच-1बी वीजा या ग्रीन कार्ड पर नियुक्त करती हैं. अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय ने ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा आवेदकों के बैकलॉग पर चिंता व्यक्त की है. इसके चलते अमेरिकी सांसदों ने बाइडेन सरकार से इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है.
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