मणिपुर में एक फिर बड़े पैमाने पर हिंसा की आशंका जताई जा रही है. मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में भीड़ ने दो सुरक्षा चौकियों पर हमला कर तोड़फोड़ की और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक लूट लिये. लूटे गए हथियार में 19000 से अधिक राउंड गोली, असॉल्ट राइफल, पांच एमपी-5 बंदूक और 16 9 मिमी पिस्तौल 25 बुलेटप्रूफ जैकेट 21 कार्बाइन और 124 हैंड ग्रेनेड समेत अन्य कई चीजें शामिल हैं.
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मणिपुर पुलिस ने देर रात एक बयान जारी किया
बिष्णुपुर जिले के कौट्रुक में सशस्त्र हमलावरों के हमले में एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई. मणिपुर पुलिस ने गुरुवार देर रात इस मामले पर एक बयान जारी किया और कहा कि भीड़ ने मणिपुर सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन की किरेनफाबी पुलिस चौकी और बिष्णुपुर में थंगलवई पुलिस चौकी पर हमला किया और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक लूट लिए.
अन्य पुलिस स्टेशनों को भी निशाना बनाया गया
पुरुषों और महिलाओं की आक्रामक भीड़ ने उसी जिले के हिंगांग पुलिस स्टेशन और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन को भी निशाना बनाया और वहां से हथियार और विस्फोटक लूटने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई से उन्हें खदेड़ दिया. बयान में कहा गया है कि बंदूकधारियों और सुरक्षा बलों के बीच कौत्रुक, हारोथेल और सेनजाम चिरांग इलाकों में झड़प हुई, जिसमें एक सुरक्षा गार्ड समेत दो लोग गोली लगने से घायल हो गए.
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय द्वारा निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इसी बीच कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. उसके बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर की लगभग 53% आबादी मैतेई है और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहती है, जबकि 40% आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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