दिल्ली: हिंसा प्रभावित मणिपुर में राशन और दवा जैसी बुनियादी वस्तुओं की कमी के कारण, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि मणिपुर में भोजन, दवा और अन्य आवश्यक सामान जल्द से जल्द उपलब्ध कराए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर जरूरी हो तो सामान को विमान से गिराया जाए.
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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला की पीठ ने राज्य सरकार को नाकाबंदी से निपटने के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने का भी निर्देश दिया है. पीठ ने कहा कि नाकाबंदी से कैसे निपटा जाए यह मौजूदा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए विचार करने का विषय है.
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आगे कहा कि मानवीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार को बुनियादी वस्तुओं को विमान से नीचे फेंकने सहित सभी संभावित विकल्प तलाशने चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत को बताया जाए. पीठ ने कहा कि मणिपुर और नागरिक समाज संगठनों समेत विभिन्न व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं पर छह सितंबर को सुनवाई की जायेगी.
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय द्वारा निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इसी बीच कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. उसके बाद से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मणिपुर की लगभग 53% आबादी मैतेई है और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहती है, जबकि 40% आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
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