मैंने कारगिल युद्ध में देश को बचाया लेकिन अपनी पत्नी की इज्जत को नहीं बचा सका… ये शब्द उस महिला के पति के हैं जो पूरे देश को शर्मसार करने वाली मणिपुर में नग्न परेड का शिकार हुई थी.
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पीड़िता के सेवानिवृत्त सैनिक पति का छलका दर्द
मणिपुर में हुई इस भीषण घटना में जीवित बचे लोगों में से एक कारगिल युद्ध के सेवानिवृत्त जवान ने कहा कि मैं इस घटना से इतना दुखी हूं कि कुछ भी बोल नहीं सकता. मैंने कारगिल युद्ध में अपने देश की रक्षा की, लेकिन अब सेवानिवृत्ति होने के बाद मैं अपनी पत्नी की रक्षा नहीं कर सका. मैं उस उन्माद की कल्पना भी नहीं कर सकता कि भीड़ किसी महिला के कपड़े उतारकर उसकी इज्जत से खिलवाड़ करती है.
ये घटना किसी जंगली जानवर के हमले से भी ज्यादा खतरनाक थी. पीड़ित महिला के सेवानिवृत्त सैनिक पति ने कहा कि इस तबाही में मैंने अपना घर, इज्जत और सारी कमाई सब कुछ खो दी है.
घटना के बारे में बताते हुए रिटायर फौजी ने कहा- 4 मई को हजारों लोगों की भीड़ ने हमला कर दिया था. घर में आग लगा दी गई थी, गांव के लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग-दौड़ कर रहे थे, इसी दौरान मेरी पत्नी मुझसे अलग हो गई थी. सेवानिवृत्त सैनिक ने आगे कहा कि भीड़ ने मेरी पत्नी और चार अन्य लोगों को पुलिस वैन से बाहर खींच लिया और उन्हें गांव की सड़क पर ले आए और उन्हें सार्वजनिक रूप से कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. विरोध कर रही महिला के पिता और भाई को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया था.
कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है
मणिपुर की महिलाओं को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. इस मामले के मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मैतेई को पुलिस ने गुरुवार को थौबल जिले से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उसकी पहचान वायरल वीडियो से की थी, जिसमें वह हरे रंग की टी-शर्ट पहने नजर आ रहा था. मणिपुर पुलिस के मुताबिक, हेरोदास इस मामले में मुख्य आरोपी है. इस वायरल वीडियो के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 12 टीमें गठित की गई थी. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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