नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के लिए पैसे जुटाने और सीमा पार से इसके लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक की तस्करी करने की आपराधिक साजिश के संबंध में आज पंजाब में 9 और हरियाणा में एक स्थान पर तलाशी अभियान चला रही है. एनआईए ने पिछले साल 20 अगस्त को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
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इसी मामले में एनआईए ने कनाडा में रहने वाले अर्श ढल्ला के दो करीबी ‘वांछित’ सहयोगियों को इस साल 19 मई को फिलीपींस के मनीला से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया था. दोनों की पहचान पंजाब निवासी अमृतपाल सिंह उर्फ एम्मी और अमृतक सिंह के रूप में हुई थी. जानकारी मिलने के बाद एनआई की टीम विमान उतरने से पहले ही हवाईअड्डे पर पहुंच गई थी और उतरते ही गिरफ्तार कर लिया था.
एनआईए ने पहले बताया था कि भारत में प्रतिबंधित संगठनों की अवैध और हिंसक गतिविधियों से जुड़े एक मामले में एनआईए दिल्ली कोर्ट द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. आरोपियों के खिलाफ पंजाब में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपी भारत में केटीएफ की हिंसक आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत रूप से नियुक्त आतंकवादी अर्शदीप सिंह ढल्ला के लिए काम कर रहा था. एनआईए ने कहा कि एक अन्य कुख्यात वांछित आरोपी मनप्रीत सिंह उर्फ पिटा के साथ, दोनों आरोपी केटीएफ के निर्देश पर पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी और देश में हिंसा और आतंक के कृत्यों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती करने में शामिल थे.
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