भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने फुलवारी शरीफ मामले में एक बार फिर एक्शन मोड में आ गई है. NIA ने आज तीन राज्यों में PFI के 25 ठिकानों पर छापेमारी की है. एनआईए की टीम कर्नाटक, केरल और बिहार में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है.
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पीएफआई और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई
एनआईए प्रतिबंधित संगठन पीएफआई और उसके सहयोगियों के खिलाफ कर्नाटक, बिहार और केरल में तलाशी अभियान चला रही है. जांच एजेंसी बिहार के कटिहार में मोहम्मद नदवी और उसके साथियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है. मोहम्मद नदवी लंबे समय से पीएफआई से जुड़ा हुआ है.
छापेमारी के दौरान कड़ी सुरक्षा
सूत्रों के मुताबिक फुलवारी शरीफ मामले में अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी कर्नाटक में की जा रही है. कर्नाटक में 16 पीएफआई स्थानों पर छापेमारी चल रही है. बिहार के फुलवारी शरीफ में PFI का 2047 नाम का एक दस्तावेज सामने आया है. एनआईए के मुताबिक, दस्तावेज में देश में सत्ता हथियाने की साजिश का खुलासा हुआ था. छापेमारी के दौरान कड़ी सुरक्षा के लिए स्थानीय हसनगंज पुलिस की एक टीम और अर्धसैनिक बलों की एक टीम मौजूद है.
यूएपीए के तहत लगाया गया प्रतिबंध
पिछले साल सितंबर में गृह मंत्री की ओर से एक सार्वजनिक गैजेट अधिसूचना में कहा गया था कि सरकार ने पीएफआई की विघटनकारी गतिविधियों को देखते हुए गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम, 1967 यानी यूएपीए की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है. पीएफआई को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है. पीएफआई पर आतंकी संबंधों का आरोप है. केंद्र सरकार ने यह फैसला देश के कुछ राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद लिया था.
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