दिल्ली: हिंडनबर्ग के बाद अब ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) नाम की वैश्विक संस्था ने गौतम अडानी के ग्रुप पर धोखाधड़ी के बड़े आरोप लगाए हैं. OCCRP रिपोर्ट के अनुसार, प्रमोटर परिवार के व्यापारिक साझेदारों ने मॉरीशस स्थित ‘बेनामी’ निवेश कोष के माध्यम से अडानी समूह के शेयरों में करोड़ों डॉलर का निवेश किया था.
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ओसीसीआरपी ने दो मामले पकड़े
ओसीसीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसकी जांच में कम से कम दो मामले उजागर हुए जहां गुमनाम निवेशकों ने ऑफशोर संरचनाओं के माध्यम से अडानी समूह के स्टॉक खरीदे और बेचे थे. विशेष रूप से OCCRP को अरबपति जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसे संगठनों से धन प्राप्त होता है. जॉर्ज सोरोस वही अरबपति हैं जो समय-समय पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं.
वहीं, अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में भी मॉरीशस के फंड का जिक्र किया गया था. आरोप न केवल निराधार है बल्कि टिकाऊ भी नहीं है. ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की इस रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
जनवरी में हिंडनबर्ग ने लगाया था बड़ा आरोप
इससे पहले इसी साल जनवरी महीने में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे. हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी ग्रुप ने शेल कंपनियों के जरिए शेयरों में हेराफेरी की है. इसके अलावा ऑडिट और लोन समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर सवाल खड़ा किया था. जिसके बाद अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के दावों को भ्रामक और अप्रमाणित बताया था और कहा था कि हमने हमेशा कानून का पालन किया है.
मॉरीशस सरकार ने आरोपों से इनकार किया
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में मॉरीशस का उल्लेख किया गया था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अडानी समूह ने मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों की मदद से अपने शेयरों में हेरफेर किया था. जिसके बाद मॉरीशस के वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट, जिसमें देश में फर्जी अडानी समूह की कंपनियों की मौजूदगी का आरोप लगाया गया था, झूठी और निराधार है. लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी साम्राज्य को हिलाकर रख दिया और उसकी मार्केट कैप में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई थी.
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