गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इजरायल की ओर से भारी बमबारी जारी है. युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट सामने आई है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इजरायली सेना ने 11 लाख लोगों को उत्तरी गाजा से दक्षिणी गाजा में जाने के लिए कहा है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल से अपना शासनादेश वापस लेने को कहा है. इतना ही नहीं यूएन ने बोला अगर युद्ध जारी रहेगा तो इसके परिणाम भयावह होंगे.
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यूएन ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए 2400 करोड़ रुपये की मांग की
संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार मुद्दों पर समन्वय के लिए आपातकालीन अपील जारी की है. यूएन ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए दुनिया भर के देशों से 2400 करोड़ रुपये की मांग की है. इस पैसे का इस्तेमाल 12 लाख लोगों की मदद के लिए किया जाएगा.
इज़राइल ने गाजा पट्टी के साथ अपनी दक्षिणी सीमा पर तीन लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि सैनिकों की तैनाती के बाद इजराइल क्या करने जा रहा है. हमास के हमले के बाद गाजा पर हवाई हमलों से यहां मानवीय आपदा पैदा हो गई है. गाजा में लोगों पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है. अस्पतालों की स्थिति भयावह होती जा रही है. गाजा में हवाई हमलों के कारण अब तक 1,500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि चार लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने इजराइल पर गंभीर आरोप लगाए
जबकि ह्यूमन राइट्स वॉच ने इज़राइल पर गाजा और लेबनान में अपने सैन्य अभियानों के दौरान सफेद फास्फोरस हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया हैं, उसने कहा कि ऐसे हथियारों के इस्तेमाल से नागरिकों को गंभीर और दीर्घकालिक चोटों का खतरा बढ़ गया है. हालाँकि, इज़रायली सेना ने गाजा में ऐसे रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की खबरों का खंडन किया है.
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