भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इस दौरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को नया जीवन दिया है और पीएम मेरे मित्र हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि वह आंखें नहीं चाहते, बल्कि बार-बार भारत में जन्म लेना चाहते हैं.
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सांसारिक जीवन में दो मित्र – जगद्गुरु
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने कहा कि सांसारिक जीवन में मेरे दो मित्र हैं. एक हैं नरेंद्र मोदी और दूसरे मित्र हैं अलौकिक श्री कृष्ण. उन्होंने आगे कहा कि, ‘नरेंद्र मोदी ने देश का चेहरा बदल दिया है. कौन सोच सकता था कि चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच जाएगा? मुझे अब आंखें नहीं चाहिए, मैं बार-बार भारत में जन्म लेना चाहता हूं.” उन्होंने कहा कि मैंने अब तक 230 किताबें लिखी हैं, जिनमें से 3 का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले हैं.
जगद्गुरु रामानंदाचार्य द्वारा लिखी गई पुस्तकों का विमोचन
गौरतलब है कि पीएम मोदी आज अपने कार्यक्रम के तहत चित्रकूट पहुंचे थे, पीएम मोदी ने श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उसके बाद उन्होंने कई मंदिरों का दौरा किया. उसके बाद पीएम ने जगद्गुरु रामानंदाचार्य से मुलाकात की और उनके द्वारा लिखी गई तीन पुस्तकें- ‘अष्टाध्यायी भाष्य’, ‘रामानंदाचार्य चरितम्’ और ‘भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्र लीला’ का विमोचन किया.
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है, आज पूरे दिन मुझे अलग-अलग मंदिरों में प्रभु श्रीराम के दर्शन का अवसर मिला और संतों का आशीर्वाद भी मिला, विशेषकर संत रामानंदाचार्य जी का स्नेह जो मुझे मिलता है वह अभिभूत कर देता है. दुनिया में इन हजारों वर्षों में कितनी ही भाषाएं आईं और चली गईं. नई भाषाओं ने पुरानी भाषाओं की जगह ले ली. लेकिन हमारी संस्कृति आज भी उतनी ही अक्षुण्ण और अटल है. संस्कृत समय के साथ परिष्कृत तो हुई लेकिन प्रदूषित नहीं हुई.
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि दूसरे देश के लोग मातृभाषा जाने तो ये लोग प्रशंसा करेंगे लेकिन संस्कृत भाषा जानने को ये पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं. इस मानसिकता के लोग पिछले एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे.
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