कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है. गुजरात हाई कोर्ट ने इसी महीने के पहले हफ्ते में राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी. मामले में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने अब ‘मोदी सरनेम’ मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था, राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे. वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं. गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है. कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं.
क्या है पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी उपनाम पर टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके चार साल बाद 23 मार्च 2023 को गुजरात के सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उनको वहां से भी राहत नहीं मिली थी.
गौरतलब है कि भाजपा नेता और राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले पूर्णेश मोदी ने भी अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट राहुल गांधी की बात सुने उससे पहले मुझे भी अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कोर्ट से एकतरफा फैसला न सुनाने की भी अपील की है.
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