दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ‘मोदी सरनेम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई को करेगा. गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय के 7 जुलाई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि अगर आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो यह ‘स्वतंत्रता, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और भाषण’ को प्रभावित करेगा.
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24 मार्च को राहुल को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था
23 मार्च को सूरत की मेट्रो पॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से 2019 में दायर मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी. इस निर्णय के बाद गांधी को 24 मार्च 2023 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था, राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे. वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं. गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है. कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं.
क्या है पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी उपनाम पर टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके चार साल बाद 23 मार्च 2023 को गुजरात के सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उनको वहां से भी राहत नहीं मिली थी.
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