मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक अक्टूबर के पहले सप्ताह में आयोजित की गई थी. लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. बैठक 4-6 अक्टूबर को हुई थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सभी प्रासंगिक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा के बाद मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन विभिन्न लोन पर की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा.
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आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को दी सलाह
आरबीआई गवर्नर ने बैंकों और एनबीएफसी को अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की सलाह दी है. उन्होंने बैंकों से अपने अधिशेष धन का उपयोग ऋण देने के लिए करने को कहा है.
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक बुधवार से शुरू हुई थी. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट 6.50% पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है. सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 6.5% अनुमानित है. अगले वित्तीय वर्ष 2024 -25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 6.6% रहने का अनुमान है.
इसके अलावा आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि 2023-24 के लिए CPI मुद्रास्फीति 5.4% रहने का अनुमान है. वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मुद्रास्फीति घटकर 4.6% हो गई, जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह 7.3% थी.
क्या होता है रेपो रेट?
दरअसल रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई देश के बैंकों को कर्ज देता है. फिर इस दर के आधार पर बैंक अपने ग्राहकों को होम लोन, व्हीकल लोन, पर्सनल लोन आदि तरह-तरह के लोन ऑफर करता है. इस वजह से रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर आपके लोन और ईएमआई पर पड़ता है. लेकिन आरबीआई ने देशवासियों को राहतभरी खबर दी है. आरबीआई ने ने इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया है.
पिछली बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा गया था
बता दें कि, इससे पहले अप्रैल, जून और अगस्त में हुई आरबीआई की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया था.
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