भारत ने कल एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी, भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा था. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है. चंद्रयान 3 मिशन के तहत विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है. चांद पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग के बाद इसरो ने पहली तस्वीर जारी की है. लैंडर विक्रम ने पावर डिसेंट के दौरान चंद्रमा की सतह की कई तस्वीरें ली है.
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लैंडर ‘विक्रम’ से निकला ‘प्रज्ञान’
इसरो ने कहा कि रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर आ गया है और अब चंद्रमा की सतह पर चहलकमी कर रहा है. विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर उतरने के बाद इसरो ने पहली तस्वीर जारी की है. लैंडर विक्रम ने पावर डिसेंट के दौरान चंद्रमा की सतह की कई तस्वीरें ली है, प्रज्ञान रोवर में छह पहिए लगे हुए हैं और उसका वजन 26 किलो है. वह चांद की सतह पर अपने सोलर पैनल खोलकर चल रहा है. जो तस्वीर सामने आई है उसमें लैंडिंग साइट का हिस्सा, लैंडर का धातु दिखाई दे रहा है.
इसरो ने जारी की पहली तस्वीर
विक्रम लैंडर के चंद्रमा पर उतरने के बाद इसरो ने पहली तस्वीर जारी की है. छवि इमेज लैंडिंग कैमरे द्वारा ली गई और इसरो द्वारा जारी की गई. विक्रम द्वारा भेजी गई पहली तस्वीर विक्रम लैंडर द्वारा चंद्रमा पर उतरते समय ली गई थी. इस तस्वीर में उबड़-खाबड़ सतह दिख रही है. सफल लैंडिंग के कुछ घंटों बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकला था और अब चांद पर चहलकदमी कर रहा है.
रोवर चंद्रमा की सतह का वैज्ञानिक विश्लेषण करेगा
विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर बाहर निकला है. वह अगले 14 दिनों तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. रोवर चंद्रमा की सतह का वैज्ञानिक विश्लेषण करेगा. लैंडर विक्रम पिछले सप्ताह अपने मॉड्यूल से अलग हो गया और 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के बाद से चंद्रमा की सतह की तस्वीरें भेज रहा है. अब जब विक्रम उतर चुका है, तो सौर ऊर्जा से चलने वाला रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह का पता लगाएगा और डेटा एकत्र करेगा.
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