उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन अपनी निजी ट्रेन से रूस पहुंच गए हैं. आज वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. किम परमाणु हथियार और युद्ध सामग्री निर्माण कारखानों के प्रभारी शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ रूस पहुंचे हैं, जिससे पश्चिम सहित दुनिया भर में तनाव पैदा हो गया है. कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित रहेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों देश ऐसे समय में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं जब अमेरिका के साथ उनका टकराव गहराता जा रहा है.
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उत्तर कोरिया आर्टिलरी शेल-एंटी टैंक मिसाइलें दे सकता है
कोरोना वायरस महामारी के बाद किम की यह पहली विदेश यात्रा है. अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच पुतिन उत्तर कोरिया से तोपखाने के गोले, एंटी टैंक मिसाइल और कई घातक हथियारों का सौदा कर सकते हैं. यदि यह समझौता हो जाता है, तो अमेरिका और उसके साझेदारों पर यूक्रेन-रूस युद्ध पर बातचीत आगे बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा क्योंकि दुनिया रूस-यूक्रेन संघर्ष के बढ़ने को लेकर चिंतित है.
उत्तर कोरिया-रूस डील पर अमेरिका की नजर!
उत्तर कोरिया और रूस के बीच घातक हथियार सौदे पर अमेरिका की पैनी नजर है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन बैठक पर करीब से नजर रखेगा. उन्होंने कहा कि अगर उत्तर कोरिया रूस को हथियार देता है तो यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन होगा. इसके बाद अमेरिका नये प्रतिबंध लगाने से भी नहीं हिचकेगा.
विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास सोवियत डिजाइन पर आधारित लाखों तोपखाने के गोले और रॉकेट हैं जो रूसी सेना की ताकत बढ़ा सकते हैं. बदले में रूस उत्तर कोरिया को अपनी परमाणु पनडुब्बी तकनीक और उपग्रह तकनीक देगा जो किम के परमाणु हथियारों और मिसाइलों को और मजबूत करेगा. कहा जाता है कि तानाशाह किम ने अपनी मिसाइलों को अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को निशाना बनाने के लिए डिजाइन किया है.
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