रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच अमेरिका और रूस के रिश्तों में लगातार कड़वाहट आ रही है. इस बीच रूस ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर अपने देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके अलावा रूस ने 500 अमेरिकी नागरिकों पर भी प्रतिबंध लगाया है. रूस ने जिन नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया है उसमें यूएस एग्जीक्यूटिव ब्रांच के सदस्य हैं.
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रूस के इस कदम को अमेरिका के उस फैसले की प्रतिक्रिया माना जा रहा है, जिसमें अमेरिका ने सैकड़ों रूसी कंपनियों समेत कई लोगों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी ने रूसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया है. इससे पहले भी अमेरिका रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है.
रूस ने अमेरिकी पत्रकारों को अपने देश में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें सीएनएन की एंकर एरिन बर्नेट भी शामिल हैं. रूस ने कहा कि उसने झूठे और भ्रामक प्रचार के लिए अमेरिकी सांसदों, कांग्रेसियों और थिंक टैंक सदस्यों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. रूस ने कहा कि उसने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच को कांसुलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र का दौरा किया था, लेकिन इस बीच अमेरिका ने रूसी पत्रकारों को वीजा देने से इनकार कर दिया था. वाशिंगटन और मॉस्को के बीच संबंध फिलहाल सबसे निचले स्तर पर हैं. रूसी मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में प्रतिबंधों को सही ठहराया और कहा, “वाशिंगटन के लिए यह सीखने का समय है कि रूस के खिलाफ एक भी शत्रुतापूर्ण हमला मजबूत प्रतिक्रिया के बिना समाप्त नहीं होगा.
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