हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश का सितम जारी है. बारिश की वजह से राजधानी शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को हुए बड़े भूस्खलन के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और होम गार्ड द्वारा अब भी युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है. एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता के मुताबिक अभी तक 14 शव बरामद किये गये हैं. जबकि कुछ अन्य शव मलबे में दबे होने की अब भी संभावना है.
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रेस्क्यू अभियान में लगे एनडीआरएफ के अधिकारी बीएस राजपूत ने कहा कि मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर कुल 21 पीड़ित हो सकते हैं. बचाव कार्य शुरू हुए 72 घंटे से ज्यादा हो गए हैं. हम बचाव अभियान चलाने के लिए अपने विशेष उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं. एसडीआरएफ, भारतीय सेना, स्थानीय पुलिस और अन्य के कुल 120 जवान मौके पर मौजूद हैं.
घटनास्थल पर पहुंचे शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं. हमें अपने बचाव और पुनर्प्राप्ति कार्यों में गहन प्रयास करने होंगे क्योंकि प्रभाव बहुत व्यापक है. हम आज शाम तक बाकी शवों को निकालने की कोशिश करेंगे. इस दिशा में समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं. लापता रिपोर्ट के मुताबिक हमें यहां करीब 7 और लोगों के फंसे होने की आशंका है.
गौरतलब है कि भारी बारिश के बाद 14 अगस्त को समरहिल स्थित शिव मंदिर भूस्खल की चेपट में आ गया. मंदिर के मलबे में 24 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका थी. अब तक 14 शव मिल चुके हैं. जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सावन का आखिरी सोमवार होने की वजह से भड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पूजा कर रहे थे. तभी अचानक भूस्खलन हुआ और मंदिर तबाह हो गया था.
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