दिल्ली: मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है. इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी है. अपील लंबित रहने तक सजा पर रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का राजनीतिक भविष्य तय हो जाएगा. मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने की.
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इससे पहले राहुल गांधी के वकील सिंधवी ने सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. सभी पक्षों को बहस के लिए 15-15 मिनट का समय दिया गया था. राहुल के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता का असली उपनाम मोदी नहीं है, बाद में उन्होंने अपना उपनाम बदल लिया है. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप असाधारण आदेश की मांग कर रहे हैं. आपको बता दें कि राहुल गांधी को गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ. ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है.
क्या है पूरा मामला
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी उपनाम पर टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके चार साल बाद 23 मार्च 2023 को गुजरात के सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने निचली कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उनको वहां से भी राहत नहीं मिली थी.
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