दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ी बांटने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जवाब मांगा है. कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.
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दरअसल, राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाते हुए एक जनहित याचिका-पीआईएल दायर की गई थी. याचिका में कहा गया है कि पैसे का उपयोग करके वोटरों को प्रभावित किया जा रहा है, चुनावी लाभ के लिए ऐसी मुफ्त योजनाओं से करदाताओं पर बोझ बढ़ता है. याचिका में विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त सामान बांटने के वादे पर रोक लगाने की मांग की गई है.
पीठ ने सख्त रुख अपनाया
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए सख्त रुख अपनाया, सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, मध्य प्रदेश, राजस्थान और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है.
नकदी बांटने से ज्यादा क्रूर कुछ भी नहीं
विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मुफ्त की रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाते हुए भट्टूलाल जैन ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने सुनवाई के दौरान कहा, “चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी के वितरण से अधिक क्रूर कुछ भी नहीं हो सकता है. ऐसा हर बार होता है और इसका बोझ अंततः करदाताओं पर पड़ता है. याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने भट्टूलाल जैन की याचिका को इस मुद्दे पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ टैग करने का आदेश दिया है.
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