दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी और सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर हर दिन सुबह 10.30 बजे से सुनवाई होगी. 5 मई, 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को मिलने वाला विशेष राज्य का दर्ज खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
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पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई की
आज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई की. सुनवाई से एक दिन पहले केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का बचाव करते हुए एक हलफनामा दायर किया था.
केंद्र ने हलफनामे में कही ये बात?
केंद्र ने कल सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर के पूरे क्षेत्र में “अभूतपूर्व” शांति, प्रगति और समृद्धि देखी गई है. केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों और अलगाववादी नेटवर्क द्वारा की जाने वाली हिंसा अब अतीत की बात हो गई है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण प्रदान करने वाले केंद्रीय कानून भी लागू हैं. केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली 20 से अधिक याचिकाओं का जवाब दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी. इस मामले को लेकर नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है. हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो. हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा हुआ, कानून का धज्जियां उड़ाई गई उसका जवाब सुप्रीम कोर्ट से मिले.
याचिका से अपना नाम वापस ले लिया
दूसरी ओर, आईएएस अधिकारी शाह फैसल और कार्यकर्ता शेहला रशीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ अपनी याचिकाएं वापस लेने की मांग की हैं, उन्होंने कहा कि वह मामले से हटना चाहते हैं. कोर्ट रिकॉर्ड से अपना नाम हटवाना चाहता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तौर पर उनका नाम हटाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है.
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