हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति प्रयासों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. मिली जानकारी के मुताबिक मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले के खमेनलोक इलाके में भड़की हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए हैं. उग्रवादियों की ओर से अचानक की गई फायरिंग में 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 9 लोग घायल हो गए. बताया जा रहा है कि इस बीच उग्रवादियों ने खमेनलोक गांव के कई घरों में आग भी लगा दी थी. इसके अलावा तमेंगलोंग जिले के गोबाजंग में भी कई लोगों के घायल होने की सूचना है.
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सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सुरक्षा बलों की एक टीम हमलावरों का सामना करने के लिए इलाके में पहुंची. इंफाल ईस्ट के पुलिस अधीक्षक शिवकांत सिंह ने कहा कि हमें रात 10 बजे से साढ़े दस बजे के बीच गांव में फायरिंग की सूचना मिली. इसमें 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 लोग घायल हो गए हैं. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जहां हिंसा हुई उस जगह की सुरक्षा की जिम्मेदारी असम राइफल्स की थी. फिलहाल, हिंसा प्रभावित इलाके में स्थिति नियंत्रण में है.
मणिपुर हिंसा की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे: अमित शाह
इसी महीने एक जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर के दौरे पर गए थे. उन्होंने कहा था कि हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा. इसके साथ ही हिंसा की घटनाओं की सीबीआई भी जांच करेगी. इसके अलावा अमित शाह ने पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की, जिसमें से 5 लाख केंद्र सरकार और 5 लाख राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे. शाह ने लोगों से अपील किया कि जिनके पास हथियार हैं वह उसे फौरन पुलिस के पास जमा करा दें.
मणिपुर में हुई हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 हजार लोग विस्थापित हुए हैं. मई में पूर्वोत्तर राज्य के पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी और इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती समुदाय के बीच शादी हुई थी. इसके बाद से लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. हिंसा पर काबू पाने के लिए यहां पुलिस के साथ सेना और असम राइफल्स के जवान भी तैनात हैं. इसी वजह से कुछ हद तक हिंसा पर काबू पाने में सफलता मिली है.
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