दिल्ली: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद कक्ष में अडानी विवाद को लेकर बैठक चल रही है. अडानी मामले में 18 विपक्षी दल के नेता आज मिलेंगे और अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे. सभी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र के प्रस्ताव पर चर्चा की जा सकती है और ईडी कार्यालय तक एक विरोध मार्च पर भी विचार किया जा सकता है. विपक्ष के इस फैसले के बाद विजय चौक पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने इस मामले को लेकर कहा कि ये मार्च जरूरी है, ये ईडी कार्यालय की तरफ हमारा प्रतिनिधित्व होगा. जिस तरह से देश में BJP की सरकार अपने राज्य के विरोधियों को टारगेट कर रही हैं जैसे कि सत्ताधारी लोग दूध के धुले हैं. हमारे जैसे लोग जो उनसे सवाल करते हैं उन्हें वो टारगेट करते हैं. उन्हें वो जेल में डाल देते हैं लेकिन गौतम अडानी जिसने इतना बड़ा घोटाला बीजेपी के साथ मिलकर किया तो उन्होंने उन्हें कोई समन नहीं भेजा. आज हम ईडी पर जाएंगे और उनसे सवाल पूछेंगे कि उनके खिलाफ क्यों कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
विपक्षी सांसदों ने अडानी मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने के लिए संसद से ईडी कार्यालय की ओर मार्च निकाला. इस मौके पर बीआरएस एमएलसी के. कविता ने कहा कि जो भी बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ बोलेंगे या उनका खुलासा करेंगे तो उसको ये लोग सताते हैं. जबकि लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए सबकी आवाज़ का आदर होना चाहिए और सबको सवाल उठाने का अधिकार होना चाहिए.
इसके अलावा के. कविता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि अगर ये अधिकार नेता को नहीं मिलेगा तो जनता को भी नहीं मिलेगा. जनता ये बात जितनी जल्दी समझ जाएगी कि ये तानाशाही कितनी हद तक जा सकती है तो उतना देश के लिए अच्छा होगा. हम लड़ेंगे क्योंकि हमने कोई गलत काम नहीं किया है जब वो बुलाएंगे हम जाएंगे और जवाब देंगे.
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