मुंबई: महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय नेता शरद पवार ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सियासी हंगामा खड़ा कर दिया था. लेकिन लगभग एक हफ्ते के बाद अब शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया हैं. वह एनसीपी के अध्यक्ष बने रहेंगे. बीते कुछ दिनों से पार्टी के वरिष्ठ नेता उनको इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी कर रहे थे. आज सुबह पार्टी की 18 सदस्यीय समिति ने शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया था और कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे.
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पवार ने वापस लिया इस्तीफा
शरद पवार ने NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा वापस लिया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा, “मैं अपना फैसला वापस ले रहा हूं.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आपकी भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता. मैं इस्तीफा वापस लेने की आपकी मांग का सम्मान कर रहा हूं. मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफे का अपना फैसला वापस लेता हूं.
लंबी पारी के बाद आराम करना चाहता था
इस्तीफा वापस लेते हुए शरद पवार ने कहा, मैंने राजनीति में 66 साल पूरे कर लिए हैं. इतनी लंबी पारी के बाद आराम करना चाहता था. लेकिन मेरे इस्तीफे की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों में असंतोष फैल गया था. जिसके बाद मेरे सलाहकारों ने कहा कि मुझे अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. इसके साथ ही भारत और महाराष्ट्र के राजनेता भी मुझसे इस्तीफा वापस लेने की गुहार लगा रहे थे.
आपको बता दें कि पवार मंगलवार को अपनी किताब ‘लोक मांझे सांगाती’ का विमोचन कर रहे थे. उसके बाद फौरन बाद उन्होंने राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कि मैं अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हो रहा हूं. उसके बाद सवाल उठने लगा था कि पार्टी की जिम्मेदारी कौन संभालेगा, इस पद के लिए नामों पर चर्चा होने लगी थी. उनके भतीजे अजित पवार और बेटी सुप्रिया सुले का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा था.
पवार 24 साल तक एनसीपी के अध्यक्ष रह चुके हैं
इस्तीफा देने का ऐलान करने के बाद शरद पवार ने कहा था कि 1999 में NCP की रचना के बाद मुझे अध्यक्ष बनने का मौका मिला. आज 24 साल हो गए हैं. एक मई 1960 को शुरू हुई सार्वजनिक जीवन की यह यात्रा पिछले 63 वर्षों से अबाध रूप से जारी है. इस दौरान मुझे महाराष्ट्र और देश में विभिन्न भूमिकाओं में सेवा करने का अवसर मिला. पवार ने कहा कि मेरा राज्यसभा का कार्यकाल 3 साल बचा है. इस बीच, मैं कोई पद नहीं लूंगा और महाराष्ट्र और देश से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा.
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