नई दिल्ली: वित्तीय क्षेत्र पर बजट के वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत पर भरोसा करने पर भी सौ-बार सोचा जाता था. अब जब भारत वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी दृष्टिकोण को साथ लेकर चल रहा है तो एक बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. अब चर्चा की शुरुआत में पहले की तरह प्रश्न चिह्न की जगह विश्वास ने ले ली है और चर्चा के अंत में भी प्रश्न चिह्न की जगह अपेक्षा ने ले ली है. आज भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का उज्ज्वल बिन्दु कहा जा रहा है. भारत आज G20 की अध्यक्षता का दायित्व भी उठा रहा है.
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इसके अलावा पीएम ने कहा कि आज का नया भारत नए सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा है. जो बैंकिंग व्यवस्था 8-10 साल पहले डूबने की कगार पर थी वो अब लाभ में आ गई है. आज आपके पास एक ऐसी सरकार है जो लगातार साहसपूर्ण निर्णय कर रही, नीतिगत निर्णयों में बहुत ही स्पष्टता और आत्मविश्वास है इसलिए आपको आगे बढ़कर काम करना चाहिए. आज समय की मांग है कि भारत की बैंकिंग सिस्टम में आई मजबूती का लाभ ज्यादा से ज्यादा आखिरी छोर तक पहुंचे. जैसे हमने MSME को सपोर्ट किया वैसे ही भारत के बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा सेक्टर्स की हैंड होल्डिंग करनी होगी.
उन्होंने आगे कहा कि वित्तीय समावेशन से जुड़ी सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली का हिस्सा बना दिया है. बिना बैंक गारंटी 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का मुद्रा लोन सरकार ने नौजवानों के सपने पूरे करने में मदद की है. वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भरता ये हमारे लिए विकल्प का मुद्दा नहीं है. ये भविष्य को प्रभावित करने वाला मुद्दा है. वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भरता का विजन एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
वित्तीय क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा कि PM गतिशक्ति की वजह से प्रोजेक्ट की प्लानिंग और उसे लागू करने में अभूतपूर्व तेजी आ गई है. हमें अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों और आर्थिक क्षेत्रों की प्रगति के लिए काम करने वाले प्राइवेट सेक्टर को भी ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करना होगा. एक समय तो हर तरफ यही बात छाई रहती थी कि भारत में टैक्स रेट कितना ज्यादा है. आज स्थिति बिल्कुल अलग है. GST की वजह से, इनकम टैक्स कम होने की वजह से, कॉर्पोरेट टैक्स कम होने की वजह से भारत में टैक्स बहुत कम हुआ है, वो बोझ नागरिकों पर बहुत कम होता जा रहा है.
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