प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘रोजगार मेला’ के तहत लगभग 71,000 नए भर्ती हुए कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया है. जिससे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हो गया है. ये नियुक्तियां केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न विभागों में की गई हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘रोजगार मेला’ को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को ये नियुक्ति पत्र कड़ी मेहनत से मिला है इसके लिए मैं आपको और आपके परिवार को बधाई देता हूं. कुछ दिन पहले गुजरात में ही ऐसे रोजगार मेले का आयोजन हुआ था और इसी महीने असम में भी एक बड़े रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है. बीते 9 वर्षो में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि 9 साल पहले आज के ही दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे. तब पूरा देश उत्साह, उमंग और विश्वास से झूम उठा था. सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत, आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है. इन 9 वर्षों के दौरान रोजगार की नई संभावनाओं को केंद्र में रखकर सरकार की नीतियां तैयार की गई हैं. बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने मूलभूत सुविधाओं के लिए पूंजीगत व्यय पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इस साल के बजट में भी पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं. बीते 9 वर्षों में देश में गरीबों के लिए जो 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं. गांव-गांव में खुले 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं. युवाओं को ग्राम स्तर का उद्यमी बना रहे हैं.
रोजगार मेला का संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि बीते 9 वर्षों में काम की प्रकृति में बहुत तेजी से बदलाव आया है. बदलती हुई इन परिस्थितियों में युवाओं के लिए नए सेक्टर्स उभर कर आए हैं. केंद्र सरकार इन नए सेक्टर्स को भी निरंतर सपोर्ट कर रही है. इन 9 वर्षों में देश ने स्टार्ट अप कल्चर की नई क्रांति देखी है. PLI स्कीम के तहत केंद्र सरकार मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपये की मदद दे रही है. ये राशि भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के साथ ही लाखों युवाओं को रोजगार में भी सहायता करेगी.
मुझे अमेठी इसलिए भेजा गया क्योंकि मैं जीत सकती थी, इसलिए नहीं कि मैं एक महिला थी: स्मृति ईरानी
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