दिल्ली: हरित विकास पर बजट के बाद के पहले वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत में जितने बजट आए हैं उनमें एक पैटर्न रहा है. पैटर्न ये है कि हमारी सरकार का हर बजट वर्तमान चुनौतियों के समाधान के साथ ही नए युग के सुधार को आगे बढ़ाता रहा है. हरित विकास और ऊर्जा संक्रमण के लिए भारत की रणनीति के 3 मुख्य स्तंभ रहे हैं- नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना, अपनी अर्थव्यवस्था में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करना और देश में गैस आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ तेज गति से आगे बढ़ना है.
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इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में भी इंडस्ट्री के लिए ‘ग्रीन क्रेडिट’ हैं तो किसानों के लिए पीएम-प्रणाम योजना है. ग्रीन ग्रोथ को लेकर इस साल के बजट में जो प्रावधान किए गए हैं वो एक तरह से हमारी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है. भारत नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन में जितना कमांडिंग पोजिशन में होगा उतना ही बड़ा बदलाव वो विश्व में ला सकता है. यह बजट भारत को वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी एक अहम भूमिका निभाएगा.
समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा कि मैं आज एनर्जी वर्ल्ड से जुड़े हर स्टॉक होल्डर को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं. विश्व आज अपने नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति परिवर्तन को डाइवर्सिफाई कर रहा है. ऐसी में इस बजट के माध्यम से भारत ने हर हरित निवेशकों को अपने यहां निवेश करने का अवसर दिया है. 2014 के बाद से ही भारत नवीकरणीय क्षमता वृद्धि में सबसे तेज रहा है. हमारी सरकार जिस तरह जैव ईंधन पर जोर दे रही है वो सभी निवेशकों के लिए बड़े अवसर लेकर आया है. हमारे देश में एग्री-वेस्ट की कमी नहीं है, ऐसे में देश के कोने-कोने में एथनॉल प्लांट की स्थापना के मौके को निवेशकों को छोड़ना नहीं चाहिए.
हरित विकास पर बजट के बाद के पहले वेबिनार को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि भारत में गोबर से 10 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर बायो गैस के उत्पादन की संभावना है. इन्हीं संभावनाओं की वजह से आज गोबर धन योजना भारत की जैव ईंधन रणनीति का एक अहम अंग है इसीलिए हमने इस बजट में 500 नए गोबर गैस प्लांट लगाने की घोषणा की है. भारत की वाहन स्क्रैपिंग नीति और हरित विकास रणनीतिका एक अहम हिस्सा है. वाहन स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस बजट में 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. आने वाले कुछ समय में केंद्र और राज्य सरकार की 3 लाख से अधिक गाड़ियों को स्क्रैप किया जाना है.
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