दिल्ली: इजराइल और फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के बीच पिछले एक सप्ताह से भीषण युद्ध चल रहा है. जिसकी वजह से कई देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है. भारत ने भी इजराइल में रहने वाले भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत पहली फ्लाइट से 212 भारतीय की वतन वापसी हुई है. दिल्ली एयरपोर्ट पर कदम रखते ही सभी भारतीयों ने राहत की सांस ली. भारत सरकार के इस सफल ऑपरेशन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अहम बयान दिया है.
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भारत बना मददगार देश-ठाकुर
इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों को ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत बचाने का काम शुरू हो गया है. इस ऑपरेशन के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि चाहे वह COVID का समय हो या यूक्रेन-रूस युद्ध का समय हो या अरब स्प्रिंग के दौरान, भारत ने एक के बाद एक ऑपरेशन किए हैं और भारतीयों को बचाया है, पिछले साढ़े 9 साल से यही हो रहा है. सिर्फ अपने नागरिकों को ही नहीं, हमने दूसरे देशों के नागरिकों को भी बचाया है… आज भारत मदद मांगता नहीं, मदद देता है.
इज़राइल से 212 भारतीय नागरिकों को लेकर पहली उड़ान जब दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची तो केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने एयरपोर्ट पर नागरिकों का स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसी भी भारतीय को कभी पीछे नहीं छोड़ेगी. हमारी सरकार, प्रधानमंत्री उनकी सुरक्षा के लिए, उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय की टीम, एयर इंडिया की इस उड़ान के चालक दल के आभारी हैं जिन्होंने इसे संभव बनाया, हमारे बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ घर वापस लाया और उनके प्रियजनों के पास वापस पहुंचाया.
वतन वापसी पर लोगों ने अदा किया शुक्रिया
ऑपरेशन अजय के तहत इज़रायल से भारत लाए गए एक भारतीय नागरिक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इज़रायल में युद्ध शुरू होने के बाद हमें भारत से हमारे परिवार और दोस्तों के फोन आने लगे थे, सभी हमारे लिए फिक्रमंद थे. मैं हमारे लिए इस ऑपरेशन के इज़रायल से भारत सुरक्षित लाए जाने पर भारत सरकार और भारत के विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा करता हूं. वहीं एक अन्य ने कहा कि जब यह सब शुरू हुआ, उसके दूसरे दिन से ही हम भारत सरकार के संपर्क में थे. वे व्हाट्सएप समूहों पर सक्रिय थे और हमारे साथ संपर्क में थे. वे हमारे साथ सहयोग कर रहे थे, सारी जानकारी मुहैया करा रहे थे.
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