बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ने को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए उनको भाजपा का मुखबिर करार दिया है. कुछ दिन पहले जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर उन पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी को विलय करने के लिए दबाव डाल रहे थे. उनके बेटे के इस्तीफे के साथ ही मांझी की पार्टी ने बिहार महागठबंधन से नाता छोड़ दिया है.
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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने खुद इस्तीफा देकर उन्हें (जीतन राम मांझी) CM बनाया था, अभी वे क्या बोलते हैं सभी को पता है. सभी को मालूम था कि वे भाजपा के लोगों से मिल रहे थे और फिर हमारे पास भी आते थे. मैंने कहा कि हमने आपको इतना बनाया तो अपनी पार्टी का आप विलय करें तो उन्होंने कहा कि ठीक है हम अलग हो जाते हैं.
अच्छा हुआ कि वह हम से बिछड़ गए- नीतीश कुमार
इसके अलावा नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हमारे साथ रहने के बावजूद लगातार भाजपा के लोगों से मुलाकात करते थे. अच्छा ही हुआ अब वो हमसे बिछड़ गए. अब विपक्षी दलों की बैठक होनी है. अगर वे इस बैठक में मौजूद रहते तो हमारे बैठक आंतरिक मामलों को भाजपा के पास पहुंचा देते, इसलिए अच्छा हुआ कि उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया.
एनडीए में शामिल हो सकते हैं मांझी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माना जा रहा है कि मांझी एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं. जीतनराम मांझी ने 19 जून को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. इस बैठक में भविष्य के विकल्पों पर चर्चा होगी और मांझी का जल्द ही एनडीए में शामिल होना लगभग तय है. महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी पैसे से खरीदी जाने वाली दुकान नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी हम पर विलय के लिए लगातार दबाव बना रही थी. हमारी पार्टी आगे भी संघर्ष करती रहेगी.
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